वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२० अप्रैल २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
कबीर साहब किस चदरिया की बात कर रहे है?
"पूरी जतन से ओढ़ी फिर जस के तस क्यों धरदीनी" कहने से कबीर साहब का क्या आशय है?
चादर को धुल नहीं तेरी तादात्म्य गन्दा कर देती है ऐसा क्यों बता रहे है कबीर?